15 राज्य अपनाएँगे बच्चों के स्वास्थ्य कार्ड बनाने का बिहार मॉडल
बच्चों की स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में बिहार ने नया मानक स्थापित किया है। आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से बच्चों के स्वास्थ्य कार्ड बनाने में बिहार पूरे देश का शीर्ष राज्य बनकर उभरा है। इसकी सफलता से प्रेरित होकर अब 15 अन्य राज्य भी “बिहार मॉडल” अपनाने की तैयारी कर रहे हैं।

बिहार का शानदार प्रदर्शन
एकीकृत बाल विकास सेवा (ICDS) के अनुसार, बिहार में अब तक 46.29 लाख बच्चों के स्वास्थ्य कार्ड बनाए जा चुके हैं। ये कार्ड 55,232 आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से तैयार किए गए। इनमें से लगभग 37 लाख बच्चे इन कार्डों का उपयोग करके सरकारी स्वास्थ्य और पोषण योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं।
इन स्वास्थ्य कार्डों में बच्चों की स्वास्थ्य स्थिति, टीकाकरण विवरण, पोषण स्तर और विकास की निगरानी जैसी अहम जानकारियाँ दर्ज होती हैं, जिससे बच्चों की बेहतर देखभाल और विकास पर नज़र रखी जा सके।
राष्ट्रीय स्तर पर बिहार सबसे आगे
भारत में बने बच्चों के सभी स्वास्थ्य कार्डों में से 46.09% केवल बिहार में बनाए गए हैं। इस उपलब्धि ने बिहार को अन्य राज्यों जैसे तमिलनाडु (33.79%), महाराष्ट्र (35%) और गुजरात (20.01%) से काफी आगे खड़ा कर दिया है। राजस्थान और मध्य प्रदेश भी तुलना में पीछे हैं।
अन्य राज्यों की बढ़ती रुचि
बिहार की इस सफलता से प्रेरित होकर महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों ने इस मॉडल को अपनाने में रुचि दिखाई है, ताकि अपने-अपने क्षेत्रों में बच्चों की स्वास्थ्य देखभाल और योजनाओं के क्रियान्वयन को और मजबूत किया जा सके।