भारत का पहला डुगोंग (Sea Cow) संरक्षण रिज़र्व तमिलनाडु के पक्क बे में स्थापित
हाल ही में तमिलनाडु सरकार ने भारत का पहला डुगोंग संरक्षण रिज़र्व स्थापित करने की घोषणा की। यह समुद्री जीवों के संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। डुगोंग (Sea Cow) विलुप्तप्राय प्रजाति है और भारत में इनकी संख्या बेहद कम है।

महत्वपूर्ण तथ्य
घोषणा वर्ष: 2021 (तमिलनाडु सरकार द्वारा)।
स्थान: पक्क बे (Palk Bay), मन्नार की खाड़ी (Gulf of Mannar), तमिलनाडु।
क्षेत्रफल: लगभग 500 वर्ग किमी।
प्रजाति परिचय:
डुगोंग को Sea Cow भी कहा जाता है।
यह शाकाहारी समुद्री स्तनपायी है, जो मुख्य रूप से सीग्रास (Seagrass beds) पर निर्भर करता है।
संरक्षण स्थिति:
IUCN Red List – Vulnerable (संकटग्रस्त)।
Wildlife Protection Act, 1972 – अनुसूची-I (Schedule I) में सूचीबद्ध, अर्थात् बाघ के समान सर्वोच्च संरक्षण।
भारत में वितरण: अंडमान-निकोबार, तमिलनाडु (ग़ल्फ ऑफ़ मन्नार, पक्क बे), गुजरात (गल्फ ऑफ़ कच्छ)।
संख्या: अनुमानित लगभग 200 से भी कम डुगोंग (2021 तक) भारत में।
विशेष महत्व:
डुगोंग समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र (marine ecosystem) का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
सीग्रास बेड की वृद्धि और समुद्री जैव विविधता को बनाए रखने में सहायक।
डुगोंग संरक्षण रिज़र्व भारत की समुद्री जैव विविधता के संरक्षण में ऐतिहासिक पहल है। यह न केवल डुगोंग बल्कि संपूर्ण सीग्रास पारिस्थितिकी तंत्र को संरक्षित करने में सहायक होगा। भविष्य में यह कदम भारत की अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण प्रतिबद्धताओं को भी मजबूत करेगा।